अगर आप EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) के सदस्य हैं, तो आपके लिए रिटायरमेंट प्लानिंग में EPF (Employee Provident Fund) सबसे अहम साधन है। निजी नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए यह एक तरह की मजबूरी के साथ-साथ सुरक्षित निवेश भी है।
हर महीने कर्मचारी की बेसिक सैलरी (Basic Salary + DA) का 12% हिस्सा EPF अकाउंट में जमा होता है। इसके अलावा, नियोक्ता भी उतनी ही राशि कर्मचारी के EPF खाते में डालता है। इस तरह नियमित निवेश से कर्मचारी के लिए लंबी अवधि में एक बड़ा फंड तैयार हो जाता है।
EPF का ब्याज और निवेश का फायदा
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए EPF पर ब्याज दर 8.25% तय की गई है। यदि कर्मचारी हर बार नौकरी बदलने पर अकाउंट को ट्रांसफर करता है और रिटायरमेंट तक निवेश जारी रखता है, तो उसे रिटायरमेंट पर एक शानदार कोष (Corpus) मिलता है।
नौकरी बदलने पर EPF निकालना क्यों नुकसानदायक
कई बार कर्मचारी नौकरी बदलने पर EPF बैलेंस निकाल लेते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करना लंबी अवधि में बड़ा नुकसान है क्योंकि इससे कंपाउंडिंग का फायदा नहीं मिल पाता।
अगर नौकरी बदली भी जाए, तो EPF अकाउंट ट्रांसफर करना ही सही विकल्प है।
EPFO लगातार इस प्रक्रिया को आसान और डिजिटल बनाने पर जोर दे रहा है ताकि कर्मचारियों को ऑफिस के चक्कर न लगाने पड़ें।
सर्विस हिस्ट्री और वेतन पर्ची संभालकर रखें
- अगर आपकी नौकरी सितंबर 2014 के बाद शुरू हुई है, तो EPS (Employees Pension Scheme) का फायदा तभी मिलेगा जब आपकी बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से कम होगी।
- मासिक सैलरी स्लिप को संभालकर रखना जरूरी है क्योंकि इसमें आपकी बेसिक सैलरी का पूरा रिकॉर्ड होता है।
- कर्मचारी अपनी सर्विस हिस्ट्री भी EPFO Member Portal पर आसानी से देख सकते हैं।
नौकरी बदलने पर कितनी जल्दी करें EPF ट्रांसफर?
विशेषज्ञों का कहना है कि नौकरी बदलने के 6 महीने के भीतर EPF ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। इससे ट्रांसफर में आने वाली दिक्कतें कम हो जाती हैं।
EPF अकाउंट ट्रांसफर करने की प्रक्रिया
- EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और अपने UAN (Universal Account Number) और पासवर्ड से लॉगिन करें।
- ‘Online Services’ सेक्शन में जाएं और ‘One Member–One EPF Account (Transfer Request)’ विकल्प चुनें।
- व्यक्तिगत विवरण (Personal Details) की जांच करें।
- अपने पुराने और नए नियोक्ता की डिटेल डालें।
- क्लेम अटेस्टेशन (Claim Attestation) के लिए पुराने या नए नियोक्ता में से किसी एक को चुनें।
- ‘Get OTP’ पर क्लिक कर OTP डालें और फिर Submit करें।
- आपको एक Tracking ID और PF अकाउंट की जानकारी मिल जाएगी।
- इसके बाद Form 13 डाउनलोड कर उसका प्रिंट निकालें, साइन करें और 10 दिनों के अंदर अपने नियोक्ता को जमा करें।
- अनुरोध को नियोक्ता और EPFO दोनों से मंजूरी मिल जाने के बाद, कुछ ही दिनों में आपको SMS द्वारा ट्रांसफर की पुष्टि मिल जाएगी।
- सामान्यतः यह पूरी प्रक्रिया 2-3 हफ्ते में पूरी हो जाती है।
निष्कर्ष
EPF अकाउंट को हर बार नौकरी बदलने पर विदड्रॉ करने के बजाय ट्रांसफर करना सबसे समझदारी भरा कदम है। ऐसा करने पर लंबे समय में एक बड़ा फंड तैयार होता है और रिटायरमेंट पर अच्छा-खासा आर्थिक सुरक्षा कवच मिलता है।






