भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में सरकार ने साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम ‘Curbing Cyber Frauds in Digital India’ रखा गया है। इस योजना के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) की मदद से धोखाधड़ी के मामलों को तुरंत पहचानकर रोका जाएगा।
दरअसल, देश में अब 86% से ज्यादा घर इंटरनेट से जुड़े हैं, जिससे डिजिटल गतिविधियां बढ़ी हैं लेकिन साइबर अपराध का खतरा भी कई गुना बढ़ गया है। CERT-In की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर क्राइम की शिकायतें 2022 में 10.2 लाख से बढ़कर 2024 में 22.6 लाख तक पहुंच गई हैं।
भारत के साइबर सिक्योरिटी प्लान के तीन मुख्य आधार
1. AI और ML से धोखाधड़ी की पहचान
सरकार अब AI आधारित सिस्टम तैयार कर रही है जो संदिग्ध लेनदेन को तुरंत ट्रैक कर सकेगा। यह तकनीक बैंकों और पुलिस को ऐसे ट्रांजेक्शन को रोकने में मदद करेगी जो धोखाधड़ी से जुड़े हो सकते हैं।
2. राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन को AI से जोड़ना
सरकार की राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 और वेबसाइट cybercrime.gov.in को अब AI सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इससे बैंक, पुलिस और टेलीकॉम कंपनियां एक साथ तुरंत एक्शन ले सकेंगी, जिससे फ्रॉड का नुकसान कम होगा।
3. नकली सिम और डिवाइस पर रोक
सरकार ने अब तक 9.42 लाख सिम कार्ड और 2.63 लाख IMEI नंबर को ब्लॉक कर दिया है जो धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए जा रहे थे। यह कदम डिजिटल सिस्टम को और सुरक्षित बनाएगा।
सरकार पुलिसकर्मियों को भी दे रही साइबर ट्रेनिंग
सिर्फ टेक्नोलॉजी ही नहीं, बल्कि सरकार मानव संसाधन को भी साइबर सुरक्षा में सक्षम बना रही है। ‘CyTrain’ प्लेटफॉर्म के जरिए 1.05 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को डिजिटल अपराध और साइबर साक्ष्य एकत्र करने की ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
इसके साथ ही, Information Technology Act, Intermediary Guidelines और Digital Personal Data Protection Act 2023 जैसे कानूनों के जरिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर जिम्मेदारी और निगरानी दोनों बढ़ाई गई है।
ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए सरकार की 5 जरूरी सलाह
- कभी भी OTP, पासवर्ड या UPI PIN किसी के साथ साझा न करें।
- ऐप्स केवल अधिकृत स्टोर (Google Play, App Store) से ही डाउनलोड करें।
- सभी खातों में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू रखें।
- किसी भी संदिग्ध ट्रांजेक्शन की सूचना तुरंत 1930 या cybercrime.gov.in पर दें।
- नियमित रूप से ऐप की सेटिंग्स और परमिशन जांचते रहें।
इस खबर का निष्कर्ष
भारत सरकार का यह नया AI आधारित साइबर सिक्योरिटी प्लान देश को डिजिटल रूप से और मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे न केवल ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी, बल्कि आम नागरिकों में डिजिटल सुरक्षा की जागरूकता भी बढ़ेगी।









